विकार अर्थ में विभक्ति
जिस अंग के विकार से शरीर में विकृति लक्षित हो (दिखाई दे) उस अंग में तृतीया विभक्ति होती है।
नेत्रेण अन्धः अस्ति = आंख से अन्धा है।
क्रिया की विशेषता बतानेवाले शब्द को क्रियाविशेषण कहते हैं क्रियाविशेषण में तृतीया विभक्ति होती है। कहीं अव्यय शब्दों का भी प्रयोग क्रियाविशेषण के रूप में होता है।)
ज्ञानी सुखेन जीवती = ज्ञानी सुख से जीता है।
महात्मानः स्वभावेन कोमलाः भवन्ति = महात्मा स्वभाव से कोमल होते हैं।