भौतिक शरीर सहित सभी निर्माण का आधार पांच तत्वों का समूह है: पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और अंतरिक्ष। मानव तंत्र के भीतर इन पांच तत्वों को शुद्ध करके शरीर और मन की भलाई स्थापित की जा सकती है। यह प्रक्रिया भी शरीर को एक अंतिम पत्थर की ओर ले जाती है जो एक परम भलाई है।
योग की एक पूरी प्रणाली है जिसे भूता शुद्धि कहा जाता है, जिसका अर्थ है "तत्वों की शुद्धि।" ईशा द्वारा पेश की गई भूता शुद्धि प्रक्रियाएं इस गूढ़ योग विज्ञान से सभी को लाभ उठाने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती हैं, जिसके लिए अन्यथा गहन साधना (आध्यात्मिक साधना) की आवश्यकता होती है।
भूता शुद्धि प्रभाव: -
व्यवस्था को सामंजस्य और संतुलन में रखता है
ऊर्जा के शक्तिशाली राज्यों को संभालने के लिए सिस्टम तैयार करता है
भौतिक शरीर, मन और ऊर्जा प्रणाली की क्षमताओं को बढ़ाता है
मानव प्रणाली पर पूरी महारत हासिल करने का आधार बनाता है